Complete Summary & Questions Answers – फूल और काँटा | Class 7 Hindi Chapter 3
Class 7 Hindi Chapter 3 “फूल और काँटा” — सरल सार, विश्लेषण, शब्दार्थ, प्रश्न-उत्तर, व्याकरण और अभ्यास प्रश्न।
Updated: 8 hours ago

फूल और काँटा
Class 7 Hindi — Chapter 3 • कवि: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
सार
यह कविता बताती है कि एक ही पौधे पर फूल और काँटे दोनों पैदा होते हैं। बाहरी स्थिति—चाँदनी, हवा और बरसात—सबके लिए एक समान होती है, फिर भी फूल और काँटे का स्वभाव अलग-अलग होता है। फूल सौंदर्य, कोमलता और प्रसन्नता देते हैं; काँटे चोट पहुंचा सकते हैं और सुरक्षा या सख्ती का प्रतीक बनते हैं। कवि कहता है कि लोगों के बर्ताव (गुण, स्वभाव) से ही असली महानता और पहचान ज्ञात होती है — कुल-नाम नहीं।
मुख्य विचार
- वहता/परिस्थिति समान होने पर भी स्वाभाव अलग हो सकते हैं।
- फूल → सौंदर्य, दया, जीवों को आनंद देना।
- काँटा → कष्ट, सुरक्षा या कठिनाई का प्रतीक।
- बड़प्पन का मूल्य व्यक्ति के गुण-कार्य से तय होता है, कुल-नाम से नहीं।
पंक्तिविश्लेषण (मुख बिंदु)
- दोहराव और लय: पंक्तियों में सरल भाषा और मधुर लय है — बच्चों के लिए उपयुक्त शैली।
- रूपक (Symbolism): फूल और काँटा रूपक हैं — लोगों के गुणों और पात्रता के लिए।
- विरोधाभास (Contrast): एक ही पौधे पर उपस्थिति के बावजूद उनका प्रभाव भिन्न है — यही कविता का केंद्र है।
- भाषाई विशेषताएँ: संधि-रहित बोलचाल जैसे 'प्यार-डूबी' और मिलती-जलती ध्वनियाँ लय बनाती हैं।
महत्वपूर्ण पंक्तियाँ और अर्थ
“पर सदा ही यह दिखाता हमें, ढंग उनके एक से होते नहीं।” → यही कविता की मुख्य सीख: बाहरी चीजें समान हो सकती हैं, पर स्वभाव अलग।
चुनिन्दा शब्दार्थ
| शब्द | अर्थ |
|---|---|
| तितलियाँ | butterflies — कोमल-पंख वाले रंगीन कीड़े |
| भौंर | bumblebee/honey-bee — मधु लेने वाला कीट |
| काँटा | thorn — पौधे का तीखा हिस्सा |
| कली | bud — फूल बनने से पहले की अवस्था |
| बड़प्पन | greatness — गुणों या कर्मों से मिली महानता |
पाठ्य-प्रश्न (संक्षेप उत्तर)
1. कवि फूल और काँटे को किस रूप में दिखाते हैं?
— रूपक के रूप में, जो इंसान के अलग-अलग स्वभाव और गुणों को दर्शाते हैं।
2. क्या कविता कहती है कि 'कुल' ज़रूरी है?
— नहीं; कविता का संदेश है कि बड़प्पन गुणों और कर्मों से आता है, कुल-नाम से नहीं।
3. फूल और काँटे के बीच मुख्य अंतर क्या है?
— फूल सौंदर्य व कोमलता देता है; काँटा चोट और सुरक्षा का प्रतीक है।
लंबा-उत्तर (नोट)
छात्र यह लिख सकते हैं कि कवि ने रोज़-मर्रा के उदाहरण से यह समझाया है कि बाहरी समानता (दिन-रात, मौसम) पर भी आचरण और स्वभाव से ही किसी की असली पहचान बनती है।
कक्षा-गतिविधियाँ (सुझाव)
- चित्र बनाइए: एक पौधा जिसमें फूल और काँटे दोनों हों — उनके भाव और उपयोग लिखें।
- डिबेट: “जीवन में फूल और काँटे दोनों आवश्यक हैं” — पक्ष/विपक्ष।
- रोल-प्ले: फूल और काँटे की वार्ता लिखकर निभाएँ—यह समझाने के लिए कि दोनों का अपना-अपना स्थान है।
- शब्द-मंथन: 'बड़प्पन' से जुड़े 10 शब्द चुने और कक्षा में साझा करें।
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Quick Revision
कुल सार: एक-सी परिस्थिति में भी स्वभाव अलग-अलग होते हैं। फूल देह-सौंदर्य व कोमलता का प्रतीक; काँटा कठिनाई/सुरक्षा/चोट का। सच्ची महानता व्यक्ति के गुणों और कर्मों से मापी जाती है।

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