अंतरा भाग 2 – कक्षा 12 के लिए हिंदी (ऐच्छिक) की पाठ्यपुस्तक story खंड – पाठ-15

यह खंड निर्मल वर्मा की कहानी "जहाँ कोई वापसी नहीं" से लिया गया है। इसमें विस्थापन की समस्या, पर्यावरण विनाश और औद्योगीकरण के बीच संतुलन की आवश्यकता को दर्शाया गया है। लेखक ने ग्रामीण जीवन की मार्मिक छवियाँ प्रस्तुत की हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य के विनाश और मनुष्य के विस्थापन की पीड़ा को उजागर करती हैं।

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Categories: NCERT, कक्षा 12, हिंदी, ऐच्छिक, story खंड, निर्मल वर्मा, विस्थापन, पर्यावरण, साहित्य
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पाठ – निमिष वर्मा: जहाँ कोई वापसी नहीं - हिंदी साहित्य अध्याय अल्टीमेट स्टडी गाइड 2025

पाठ – निमिष वर्मा: जहाँ कोई वापसी नहीं

हिंदी साहित्य अध्याय: पूर्ण सारांश, जीवनी, गद्यांश, प्रश्न-उत्तर | एनसीईआरटी कक्षा 12 अंतरा भाग 2 नोट्स, उदाहरण, क्विज़ 2025

पूर्ण अध्याय सारांश एवं विस्तृत नोट्स - निमिष वर्मा हिंदी एनसीईआरटी कक्षा 12 अंतरा भाग 2

यह अध्याय निमिष वर्मा की रचना 'जहाँ कोई वापसी नहीं' पर आधारित है, जो औद्योगीकरण के नाम पर विस्थापन की समस्या को उजागर करती है। लेखक ने बिलासपुर के ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगिक विकास के दुष्परिणामों का चित्रण किया है। अध्याय में लेखक की जीवनी, गद्यांश का विश्लेषण, प्रश्न-अभ्यास, योग्यता-विस्तार और शब्दार्थ शामिल हैं।

अध्याय का उद्देश्य

  • निमिष वर्मा की जीवनी और साहित्यिक योगदान समझना।
  • गद्यांश का भावार्थ, केंद्रीय विचार और सामाजिक संदेश।
  • विकास बनाम पर्यावरण/संस्कृति के संघर्ष का विश्लेषण।
  • हिंदी गद्य की भाषा-शैली का अध्ययन।

मुख्य बिंदु

  • निमिष वर्मा नई कहानी आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
  • रचना का केंद्रीय विचार: औद्योगीकरण से विस्थापन और सांस्कृतिक क्षति।
  • उदाहरण: वेवर गाँव का वर्णन, जहाँ पेड़ सूख रहे हैं।
  • संदेश: विकास और पर्यावरण में संतुलन आवश्यक।
  • भाषा: सरल, भावपूर्ण, क्षेत्रीय शब्दों का प्रयोग।

केस स्टडी: वास्तविक प्रभाव

यह रचना 1980 के दशक के भारत के औद्योगिक परिवर्तनों पर आधारित है। आज भी, जैसे नर्मदा बचाओ आंदोलन, विस्थापन की समस्या प्रासंगिक है। लेखक ने व्यक्तिगत यात्रा के माध्यम से सामाजिक मुद्दे को जीवंत किया।

विस्तृत सारांश

लेखक बिलासपुर के वेवर गाँव का वर्णन करते हैं, जहाँ औद्योगिक परियोजनाओं के कारण गाँव उजड़ रहे हैं। पेड़ सूखे पड़े हैं, क्योंकि लोग डर से रोपाई बंद कर चुके। यह विस्थापन की अनिवार्यता और उसके मानवीय दर्द को दर्शाता है। लेखक विकास के पश्चिमी मॉडल की आलोचना करते हैं और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित विकल्प सुझाते हैं।

केंद्रीय संघर्ष

  • प्रकृति vs. विकास
  • ग्रामीण जीवन vs. शहरीकरण
  • इतिहास vs. आधुनिकता

साहित्यिक विशेषताएँ

  • यथार्थवादी शैली
  • संवादों का प्रयोग
  • प्रतीक: सूखे पेड़, बाढ़

सामाजिक संदेश

  • विकास सतत होना चाहिए
  • सांस्कृतिक संरक्षण
  • मानवीय करुणा